पीएम मोदी और पुतिन के मीटिंग में दिखा ये खास बैकग्राउंड
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इन दिनों भारत के दौरे पर हैं। इसी दौरान जब पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले, तो पूरी दुनिया की नजरें दोनों नेताओं के हैंडशेक, उनकी बॉडी लैंग्वेज और महत्वपूर्ण घोषणाओं पर थीं। मगर इन सबके बीच, एक और चीज थी जिसने चुपचाप सबका ध्यान खींच लिया। एक लंबा, आकर्षक हेलिकोनिया पौधा जो ठीक उनके पीछे रखा गया था। यह सिर्फ एक सजावटी वस्तु नहीं था।
उच्च स्तरीय कूटनीतिक बैठकों में, कमरे की एक भी चीज रैंडम नहीं होती है। फूल से लेकर मेज-कुर्सी के रंग या बैकग्राउंड तक, हर एक चीज की डिटेलिंग पर बहुत ध्यान दिया जाता है। प्रत्येक वस्तु सावधानी से चुनी जाती है ताकि वह मेजबान देश के मूल्यों, सांस्कृतिक समृद्धि या बैठक के अप्रत्यक्ष संदेश को व्यक्त कर सके।
हेलिकोनिया जैसे पौधे की उपस्थिति इस बात का प्रतीक है कि भारत ने इस बैठक के लिए कितनी सूक्ष्मता से तैयारी की थी, और यह पौधा एक गैर-मौखिक कूटनीतिक संदेश देने का माध्यम बन गया था। इस पौधे ने लोगों में उत्सुकता पैदा कर दी है इसलिए आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
‘लाल’ रंग का चयन और इसका महत्व
हेलिकोनिया का लाल और नारंगी रंग का चुनाव भी जानबूझकर किया गया था। भारतीय संस्कृति में, लाल रंग शक्ति, उत्साह, शुभता और प्रेम का प्रतीक है। कूटनीति के संदर्भ में, यह रंग दोनों देशों के बीच मजबूत और दोस्ताना संबंधों का प्रतीक हो सकता है। यह रंग तुरंत ध्यान खींचता है और पूरे फ्रेम को एक सकारात्मक और गतिशील ऊर्जा प्रदान करता है।


