प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार करते शिवराज

                             चौथी पारी के दो साल पूरे होने पर विशेष आलेख
Bhopal(रवि अवस्थी)// मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज अपनी चौथी पारी के दो साल पूरे करने जा रहें हैं । वह भाजपा के पहले ऐसे नेता हैं जो चार बार मुख्यमंत्री रहने के साथ ही सर्वाधिक समय इस संवैधानिक पद पर रहने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर चुके हैं।

शिवराज का एक मात्र ध्येय मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना व देश की अर्थव्यवस्था 5 खरब तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करना है। वह इस लक्ष्य को पाने में पूरी तन्मयता से जुटे हैं।
संभवतया यह पहला मौका है जब प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद दर यानी जीडीपी 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई। वहीं राज्य में प्रति व्यक्ति आय में भी 18.87 प्रतिशत का इजाफा हुआ। प्रदेश के कृषि क्षेत्र में भी बीते वित्तीय वर्ष की तुलना में 10.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही राजस्व प्राप्तियां 164677 करोड़ रहने का अनुमान है, जो गत वर्ष की तुलना में 20.05 प्रतिशत ज्यादा है।
दरअसल,किसी भी राज्य सरकार के कामकाज का आकलन उस राज्य की प्रगति व खुशहाली से ही किया जा सकता है। बीते दो सालों में कोरोना संक्रमण से उपजे हालात को दृष्टिगत रखते यह तुलना की जाए तो मध्य प्रदेश की आर्थिक प्रगति समूचे देश में एक आदर्श स्वरूप प्रस्तुत करती है।

इसका श्रेय स्वाभाविक तौर पर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को ही जाता है। जिन्होंने कोरोनाकाल के विषम हालात में भी कठोर परिश्रम एवं लगन से प्रदेश की आर्थिक विकास दर की रफ्तार को कम नहीं होने दिया।
** आत्मनिर्भर मप्र ही एक मात्र लक्ष्य
शिवराज सिंह चौहान ऐसे विरले राजनेता हैं। जो रात-दिन मध्य प्रदेश के विकास व आमजन के कल्याण के बारे में सोचते हैं। गरीबों के प्रति उनके मन में दया व कल्याण का भाव है। प्रदेश के विकास की इसी तडफ़ ने मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य से आज विकासशील प्रांत की श्रेणी में ला खड़ा किया।

सूबे के सर्वांगीण विकास की आधारशिला उन्होंने अपने पहले ही कार्यकाल से रखी और इस पर मंजिल दर मंजिल आगे बढऩे का यह सिलसिला अनवरत जारी है। मौजूदा कार्यकाल की बात करें तो मुख्यमंत्री शिवराज का लक्ष्य वर्ष 2023 तक मध्य प्रदेश को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना है।

मुख्यमंत्री की चिंता यह भी है कि मध्य प्रदेश भारत की अर्थव्यवस्था को 5 खरब तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार बने। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का नया रोडमैप इसे ध्यान में रखकर ही बनाया गया है। इसमें प्रदेश के सर्वांगीण विकास की अवधारणा शामिल है।
** सबका साथ,सबका विकास
‘सबका साथ,सबका विकास और सबका विश्वास,मुख्यमंत्री शिवराज अपनी पार्टी के इस मूलमंत्र को भी भली भांति चरितार्थ कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में जब दुनिया अनेक प्रकार की समस्याओं से जूझ रही थी,चौहान ने इस आपदा से निपटने जनभागीदारी मॉडल का सहारा लिया।

जो अन्य देश के अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बना। गांव-गांव में क्राइसिस मैनेजमेंट समितियां बनी। इनके सहयोग से न केवल कोरोना संक्रमण पर समय रहते नियंत्रण पाया गया बल्कि देश के सबसे बड़े टीकाकरण महाअभियान में भी मप्र अग्रणी राज्यों में शामिल हुआ।

विपदा में मनोबल को ऊंचा रखना आसान नहीं होता,लेकिन शिवराज ने कोरोना की पहली व दूसरी लहर में न केवल आगे बढ़कर लोगों की हौसला अफजाई की बल्कि उन्हें हर समय इस महामारी से आगाह करते हुए बचाव के उपाय अपनाने के लिए भी प्रेरित किया। आर्थिक संकट के बावजूद जरूरतमंदों के इलाज व अन्य तरीकों से उनकी मदद में कोई कमी नहीं आने दी।

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