MP: साकार होता ‘शिव लोक’

BHOPAL. सत्ता के गलियारे से… रवि अवस्थी
** साकार होता ‘शिव लोक’
मप्र भाजपा ने मिशन-2023 की तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी है। पार्टी अपने हर बडे काम की शुरुआत श्री महाकाल के आशीर्वाद के साथ शुरू करती है। ऐसे में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्री महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम को इस मिशन का आगाज माना जा रहा है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है।

जिन्होंने इस पुनीत कार्य की योजना वर्ष 2017 में तय की और अब यह महत्वाकांक्षी शिव लोक साकार होने जा रहा है। कार्यक्रम को भव्य व दिव्य बनाने में पूरी सरकार जुटी है। तैयारी भी ऐसी कि श्री महाकाल लोक समारोह की अनुगूंज मप्र ही नहीं समूचे देश में हो। मान्यता है,शिव की आराधना कभी निष्फल नहीं होती।

** शाह के बहाने शक्ति परीक्षण
इसी हफ्ते शिवराज सरकार का दूसरा बड़ा कार्यक्रम आगामी 16 अक्टूबर को भोपाल में होगा। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आमंत्रित किया गया है। वह राजधानी के लाल परेड मैदान में आयोजित भीड़ भरे समारोह में चिकित्सा शिक्षा में हिंदी पाठ्यक्रम की शुरुआत करेंगे। एक ही सप्ताह में दो बड़े आयोजन ने विपक्ष ही नहीं सत्तारूढ़ दल के नेताओं को भी चौंका दिया।

नंबर एक के बाद नंबर दो को भी साधने की तैयारी देख ऐसी खलबली मची कि आनन-फानन में शाह का इसी दिन एक अन्य कार्यक्रम एयर टर्मिनल शिलान्यास के बहाने ग्वालियर में तय हो गया। कार्यक्रम तो टाला नहीं जा सकता, लिहाजा ‘सरकार’ ने तय किया कि ग्वालियर के कार्यक्रम में भी जनभागीदारी हो।

अब भोपाल के कार्यक्रम में तो प्रदेश के कई महाविद्यालयों के 30 हजार से अधिक विद्यार्थी जुटना है,ग्वालियर में भीड़ कौन सी व कितनी जुटेगी यह देखने वाली बात होगी। यूं चिकित्सा शिक्षा में हिंदी पाठ्यक्रम की शुरुआत शिवराज सरकार की एक और बड़ी उपलब्धि है। यह कीर्तिमान कायम करने वाला मप्र पहला राज्य जो ठहरा।

** राष्ट्रपति का भी मप्र दौरा तय
प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृहमंत्री के कार्यक्रमों के बाद राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का भी मप्र दौरा प्रस्तावित है। तिथि तय नहीं है,लेकिन माना जा रहा है कि वह दिसंबर के अंतिम सप्ताह में राज्य विधानसभा में आयोजित अमृत महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगी ।

इसी दरम्यान,विधानसभा का 5 दिवसीय पावस सत्र भी आहूत होगा। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम एवं प्रमुख सचिव एपी सिंह ने हाल ही में राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें अधिकारिक तौर पर निमंत्रण भी दिया। राष्ट्रपति का दौरा भले ही गैर सियासी हो लेकिन इसे भी भाजपा के मिशन-2023 से जोड़कर देखा जा रहा है।

** उमा ने फिर छेड़ा शराबबंदी का राग
पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती शराबबंदी की अपनी पुरानी मांग को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने इस मांग को मनवाने देव दीपावली से मकर संक्रांति तक गृह त्याग का ऐलान किया है। इससे पहले वह गांधी जयंती पर आयोजित नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुईं। उमा को इस कार्यक्रम से बड़ी उम्मीद थी।

इसमें शिरकत करने से पहले उन्होंने भवानी चौक मंदिर से आयोजन स्थल तक पैदल यात्रा भी की। कार्यक्रम के दौरान भी वह अपने पुराने अंदाज में नजर आईं,लेकिन समारोह के मंच पर नामचीन अतिथियों की भीड़ में जैसे वह कहीं गुम होकर रह गईं।

योगगुरु बाबा रामदेव हों या गायत्री परिवार के डॉ चिन्मय पंड्या,सभी ने नशा मुक्ति के प्रयासों के लिए एक सुर में सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सराहना की।

** श्रेय लेने की होड़
राजनीति में श्रेय लेने की ​होड़ आम बात है। ​”​श्री महाकाल लोक​”​ निर्माण के मामले में भी यही हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि श्री महाकाल कॉरिडोर निर्माण के लिए तीन सौ ​​​करोड़ की योजना को उन्होंने मंजूरी दी थी। ​​​एमपी कांग्रेस ने तो अपने ​​ट्विटर हैंडिल डीपी​ ​पर इस योजना के अलावा नाथ के अन्य धार्मिक कार्यों का ब्योरा भी दर्ज​ कर रखा है ।

​वहीं ​मुख्यमंत्री शिवराज इसे अपने पिछले कार्यकाल की योजना बता रहे है। साथ ही वह यह कहने से भी नहीं चूके कि कांग्रेस शासन काल में उनकी इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। चौथी बार मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने अपने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को गति दी। कैबिनेट ने सात सौ ​​करोड़ का बजट मंजूर किया और​’​ शिव​ ​लोक​’​ अब साकार होने जा रहा है।

दावे दोनों ही सरकारों के अपनी जगह सही हैं,फर्क इतना है कि कमलनाथ सरकार के हाथ खाली थे और शिवराज सरकार ने हाथ खाली होते हुए भी काम को ​तेज गति से आगे बढ़ाया । यूं भी कहावत है ​..​जो जीता वही सिकंदर और फिलहाल तो बाजी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के हाथ है।

** अपनी बला पटवारी के सिर
राजनीति में आजकल मंच से जनता से सवाल-जवाब का चलन है। आमतौर पर जनता या तो खामोश रह जाती है या सवाल कर्ता की हां में हां मिलाती है,लेकिन प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल का ऐसा ही एक दांव उल्टा पड़ गया।

हुआ यूं कि नरसिंहपुर में आयोजित जनसेवा शिविर के दौरान मंत्री जी ने किसानों से उनके खातों में सरकारी रकम आने की हां करवाने सवाल दागा,लेकिन गुस्साए किसानों ने एक स्वर में इससे इनकार कर दिया।

मंत्री जी ने भी तत्काल पलटी मारी और सारा दोष इलाके के पटवारी के सिर मढ़ दिया। यही नहीं, पटवारी के गुण-दोष बताते हुए अपना पुराना अनुभव भी उन्होंने साझा किया। अब किसानों पर इसका कितना असर हुआ,यह तो अगले चुनाव में पता चलेगा।

** कांग्रेस का त्वरित फैसला ! 
प्रदेश कांग्रेस के दो विधायकों पर रेवांचल एक्सप्रेस में एक महिला यात्री द्वारा लगाया गया छेड़छाड़ का आरोप सप्ताह की सुर्खियों में से एक है। यात्रा के दौरान इनके लडख़ड़ाते अंदाज व गालियां देते हुए जो वीडियो सामने आए वे घटना की हकीकत खुद बयां करते हैं।

सबसे अधिक हैरत इस बात की, कि पार्टी ने त्वरित फैसला करते हुए बिना जांच-पड़ताल के ही आरोपी विधायकों को क्लीन चिट भी दे दी। पार्टी के इस निर्णय पर सवाल खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि यह आरोप किसी गैर कांग्रेसी नेता पर होते,तब भी क्या पार्टी ऐसी ही उदारता दिखाती?

​** ​निशाने पर हुक्का लाउंज
नशे के कारोबार पर सरकार की चोट नई बात नहीं है,लेकिन चौंकाने वाला फैसला ​​हुक्का लाउंज से ​जुड़ा है। बताया जाता है कि राजधानी के एक नेताजी का परिवार ऐसे ही एक हुक्का लाउंज के कारण बुरी तरह डिस्टर्ब हो गया। इसे देखते हुए ​​हुक्का​ ​​लाउंज लंबे समय से निशाने पर थे पर मौका अब आया।

इधर,पुलिस की परेशानी यह कि ज्यादातर लाउंज असरदार अफसरों या ​​रईसों के बेटे चला रहे हैं। इस हकीकत से वाकिफ राजधानी पुलिस ने सप्ताह भर तो कार्रवाई को लेकर आनाकानी की लेकिन सरकार के सख्त रुख को देखते हुए अंततः उसे ‘चाबुक’ चलाना ही पड़ा ।

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