मप्र भाजपा ने मिशन-2023 की तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी है। पार्टी अपने हर बडे काम की शुरुआत श्री महाकाल के आशीर्वाद के साथ शुरू करती है। ऐसे में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्री महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम को इस मिशन का आगाज माना जा रहा है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है।
इसी हफ्ते शिवराज सरकार का दूसरा बड़ा कार्यक्रम आगामी 16 अक्टूबर को भोपाल में होगा। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आमंत्रित किया गया है। वह राजधानी के लाल परेड मैदान में आयोजित भीड़ भरे समारोह में चिकित्सा शिक्षा में हिंदी पाठ्यक्रम की शुरुआत करेंगे। एक ही सप्ताह में दो बड़े आयोजन ने विपक्ष ही नहीं सत्तारूढ़ दल के नेताओं को भी चौंका दिया।
प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृहमंत्री के कार्यक्रमों के बाद राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का भी मप्र दौरा प्रस्तावित है। तिथि तय नहीं है,लेकिन माना जा रहा है कि वह दिसंबर के अंतिम सप्ताह में राज्य विधानसभा में आयोजित अमृत महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होंगी ।
पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती शराबबंदी की अपनी पुरानी मांग को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने इस मांग को मनवाने देव दीपावली से मकर संक्रांति तक गृह त्याग का ऐलान किया है। इससे पहले वह गांधी जयंती पर आयोजित नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुईं। उमा को इस कार्यक्रम से बड़ी उम्मीद थी।
राजनीति में श्रेय लेने की होड़ आम बात है। ”श्री महाकाल लोक” निर्माण के मामले में भी यही हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि श्री महाकाल कॉरिडोर निर्माण के लिए तीन सौ करोड़ की योजना को उन्होंने मंजूरी दी थी। एमपी कांग्रेस ने तो अपने ट्विटर हैंडिल डीपी पर इस योजना के अलावा नाथ के अन्य धार्मिक कार्यों का ब्योरा भी दर्ज कर रखा है ।
राजनीति में आजकल मंच से जनता से सवाल-जवाब का चलन है। आमतौर पर जनता या तो खामोश रह जाती है या सवाल कर्ता की हां में हां मिलाती है,लेकिन प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल का ऐसा ही एक दांव उल्टा पड़ गया।
प्रदेश कांग्रेस के दो विधायकों पर रेवांचल एक्सप्रेस में एक महिला यात्री द्वारा लगाया गया छेड़छाड़ का आरोप सप्ताह की सुर्खियों में से एक है। यात्रा के दौरान इनके लडख़ड़ाते अंदाज व गालियां देते हुए जो वीडियो सामने आए वे घटना की हकीकत खुद बयां करते हैं।
नशे के कारोबार पर सरकार की चोट नई बात नहीं है,लेकिन चौंकाने वाला फैसला हुक्का लाउंज से जुड़ा है। बताया जाता है कि राजधानी के एक नेताजी का परिवार ऐसे ही एक हुक्का लाउंज के कारण बुरी तरह डिस्टर्ब हो गया। इसे देखते हुए हुक्का लाउंज लंबे समय से निशाने पर थे पर मौका अब आया।