अवध बिहारी चौधरी ने बिहार विधानसभा के स्‍पीकर पद पर किया नामांकन, लालू के इस करीबी का चुनाव तय

पटना
बिहार में महागठबंधन (Mahagathbandhan) की नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Government) ने विश्वास मत प्राप्त कर लिया है। इसके पहले राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के दौरान स्‍पीकर रहे विजय कुमार सिन्‍हा (Vijay Kumar Sinha) ने खुद के खिलाफ लाए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर मतदान के पहले इस्‍तीफा दे दिया था। अब बारी विधानसभा के स्‍पीकर के चुनाव की है। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के अवध बिहारी चौधरी (Awadh Bihari Chaudhary) ने आज स्‍पीकर पद के लिए नामांकन किया। नामांकन के वक्‍त मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एवं उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) मौजूद रहे। अवध बिहारी चौधरी सिवान से आरजेडी विधायक हैं। वे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के करीबी माने जाते हैं। उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव से भी उनका अच्‍छा संबंध है।

स्‍पीकर पद के लिए अवध बिहारी चौधरी का नामांकन
महागठबंधन की सरकार के विश्‍वास मत के लिए बुलाए गए विधान मंडल दल के विशेष सत्र को एक दिन के लिए विस्तारित कर दिया गया है। अब यह कार्यवाही 26 अगस्त तक चलेगी और उसी दिन जरूरत पड़ी तो नए स्‍पीकर के पद के लिए मतदान होगा। विजय कुमार सिन्हा के त्यागपत्र देने के बाद विधानसभा के स्‍पीकर का पद खाली है। आरजेडी ने इस पद के लिए अपने वरिष्ठ नेता अवध बिहारी चौधरी का नाम आगे किया है। उन्‍होंने आज पद के लिए नामांकन कर दिया। नामांकन के वक्‍त मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव सहित महागठबंधन के कई प्रमुख चेहरे दिखे।

अभी स्‍पीकर के प्रभार में हैं डिप्‍टी स्‍पीकर महेश्‍वर हजारी
विजय कुमार सिन्‍हा के इस्‍तीफा के बाद अभी डिप्‍टी स्‍पीकर महेश्वर हजारी कार्यकारी स्‍पीकर हैं। उन्होंने आसन से स्‍पीकर के नामांकन एवं मतदान के बारे में कार्यमंत्रणा समिति में निर्णय की जानकारी दी। इसके पहले कैबिनेट में स्‍पीकर पद के चुनाव का प्रस्ताव पारित कर राजभवन भेजा गया। नई सरकार के विश्वास मत की पूरी प्रक्रिया के समय महेश्‍वर हजारी ही स्‍पीकर की भूमिका में रहे।

पूर्व स्‍पीकर विजय कुमार सिन्‍हा ने इस्‍तीफा के पहले सदन के संचालन के लिए नरेंद्र नारायण यादव को अधिकृत कर दिया था। बुधवार को दोपहर बाद जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, वे आसन पर बैठे, लेकिन संविधान का हवाला देकर कहा कि स्‍पीकर के नहीं रहने पर डिप्‍टी स्‍पीकर को सदन की कार्यवाही के संचालन का अधिकार है। फिर, उन्होंने महेश्‍वर हजारी को संचालन के लिए आमंत्रित किया।