बैन से बजाज फाइनेंस को कितना नुकसान, जानिए किसको होगा फायदा

 

Bajaj Finance Trouble: देश की सबसे बड़ी एनबीएफसी (NBFC) बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) मुसीबत में फंस गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कंपनी के दो प्रोडक्ट ईकॉम (eCOM) और इंस्टा ईएमआई कार्ड (Insta EMI Card) के जरिए लोन देने पर रोक लगा दी है. आरबीआई का ये आदेश तुरंत लागू हो गया है. इस आदेश के चलते न सिर्फ कंपनी का बिजनेस प्रभावित होगा बल्कि अन्य एनबीएफसी के हाथ में भी तगड़ा मौका लग गया है. आइए समझते हैं कि केंद्रीय बैंक के इस फैसले का सेक्टर पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

ग्राहकों को नहीं दे रही थी केएफएस

आरबीआई ने कंपनी पर डिजिटल लेंडिंग गाइडलाइंस (Digital lending guidelines) का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है. बजाज फाइनेंस केएफएस नियमों (KFS Rules) का पालन नहीं कर रही थी. आरबीआई के मुताबिक, डिजिटल लोन लेने वाले हर ग्राहक को आसान भाषा में केएफएस उपलब्ध कराना जरूरी है. इसमें लोन अमाउंट, लोन की अवधि, ब्याज दर, फीस और जुर्माने से संबंधित जानकारियां होती हैं.

बजाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा

बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, आरबीआई का यह फैसला निश्चित ही कंपनी को नुकसान पहुंचाएगा. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी ने 35 लाख से ज्यादा नए कस्टमर जोड़े. इनमें से 6.70 लाख ईएमआई कार्ड ग्राहक हैं. कुल ग्राहकों में से 10 फीसद इंस्टा ईएमआई कार्ड धारक हैं. हालांकि, कंपनी का दावा है कि उसे फीस में सिर्फ 1 फीसद और लाभ में 0.5 फीसद का ही नुकसान होने की आशंका है. कंपनी जल्द से जल्द केएफएस नियमों को सुधार लेगी. मगर, बाजार विशेषज्ञ कहते हैं कि इससे न सिर्फ बजाज को नुकसान होने वाला है बल्कि अन्य एनबीएफसी के पास भी बाजार हिस्सेदारी बढ़ने का अच्छा मौका आ गया है.

जिओ फाइनेंसियल बाजार में उतरने को तैयार

बजाज फाइनेंस पर यह कार्रवाई उस समय हुई जब रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) की जिओ फाइनेंसियल (Jio Financial) बाजार में कूदने को तैयार बैठी है. जिओ के पास बड़ा टेलिकॉम नेटवर्क और अच्छी पूंजी है. यदि बजाज पर यह बैन लंबा चलता है तो जिओ के लिए बिना विरोध के रास्ता साफ मिलने वाला है.

ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा

बजाज फाइनेंस की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी के लगभग 6.30 करोड़ ग्राहक हैं. यह रिटेल, छोटे एवं मध्यम कारोबारियों को कई तरह के लोन देती है. साथ ही पैसा भी जमा करती है. इस बैन से ईएमआई पर कर्ज लेने वाले ग्राहकों को बड़ा नुकसान होगा.