Ujjain North Constituency: बदली हुई सियासी फिजा ने बनाया बीजेपी का गढ़

रवि अवस्थी,भोपाल। Ujjain North Constituency उज्जैन बाबा महाकाल की नगरी..सनातन धर्मावलंबियों का तीर्थ स्थल..यह दो विधानसभा क्षेत्रों में बंटा है..उज्जैन नॉर्थ व उज्जैन साउथ…यहां बात कर रहे हैं उज्जैन नार्थ विधानसभा सीट की..पुराने शहर के इस हिस्से में सभी वर्गों के मतदाता निवास करते हैं..

यहां की संस्कृति व सामाजिक ताना-बाना मिलाजुला है..इस सीट के लिए अब तक हुए 14 चुनाव में आठ बार बीजेपी व उसके पूर्ववर्ती संगठन तो 6 बार कांग्रेस जीती..फर्क इतना है कि 80 के दशक तक कांग्रेस का राज था..इसके बाद की सियासी फिजा बदली हुई है और उज्जैन नॉर्थ भी इससे अछूता नहीं…।

एक दौर में उज्जैन से विजयी रहे प्रकाश चंद सेठी Prakash chandra Sethi प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे..वह 60 व 70 का दशक था..वर्ष 1957 से 1985 तक हुए सात चुनाव में कांग्रेस 5 बार तो संघ व जनता पार्टी ने 2 चुनाव जीते…1990 के बाद उज्जैन नॉर्थ का सियासी परिदृश्य बिल्कुल उलटा रहा..वर्ष 1990 से 2018 तक हुए सात चुनाव में बीजेपी 6 तो कांग्रेस सिर्फ एक बार इस सीट से विजय हासिल कर सकी..

इससे उज्जैन नॉर्थ के मतदाताओं के रुझान को समझा जा सकता है..बीते तीन दशकों में उज्जैन ने प्रगति के अनेक सोपान तय किए…अधोसंरचना विकास से लेकर सिंहस्थ के सफल आयोजन,बाबा महाकाल लोक Mahakal Lok का निर्माण आदि ऐसे अनेक कार्य हैं जिनसे बीजेपी अपने गढ़ को और मजबूत कर पाई है..

उज्जैन नार्थ से निर्वाचित विधायक व उनके दल
1957: राजदान किशोरी कांग्रेस
1962: अब्दुल गयूर कुरैशी कांग्रेस
1967: एम जोशी जनसंघ
1972: प्रकाश चंद सेठी कांग्रेस
1977: बाबूलाल जैन जेएनपी
1980: राजेंद्र जैन कांग्रेस
1985: बटुक शंकर जोशी कांग्रेस
1990: पारस चंद्र जैन बीजेपी
1993: पारस चंद्र जैन बीजेपी
1998: राजेंद्र भारती कांग्रेस
2003: पारस चंद्र जैन बीजेपी
2008: पारस चंद्र जैन बीजेपी
2013: पारस चंद्र जैन बीजेपी
2018: पारस चंद्र जैन बीजेपी
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चुनाव दर चुनाव बढ़ा पारस की जीत का मार्जिन
उज्जैन नॉर्थ सीट Ujjain North Constituency  के लिए हुए बीते तीन चुनाव की ही बात करें तो यहां से लगातार चार बार से विजयी व 6 बार के विधायक पारस चंद्र जैन की लोकप्रियता चुनाव दर चुनाव बढ़ती गई..

मसलन, 2008 का चुनाव उन्होंने 21,922 मतों से जीता तो 2013 में 24,849 और 2018 में वह 25 हजार 724 मतों से जीते…1990 से 2018 तक हुए 7 चुनाव में बीजेपी ने हर बार पारस जैन को अपना उम्मीदवार बनाया..और जैन भी पार्टी की उम्मीद पर खरे उतरे..वह 7 में 6 बार चुनाव जीते..सिर्फ दिग्विजय शासनकाल में वर्ष 1998 में हुए चुनाव में कांग्रेस के राजेंद्र भारतीRajendra Bharti  ने उन्हें 3766 मतों से शिकस्त दे सके..जबकि जैन की जीत का मार्जिन कभी भी 5 हज़ार से कम नहीं रहा…
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2018
पारस जैन          बीजेपी           विजेता          77,271    52%   25,724
राजेंद्र भारती      कांग्रेस           हारे              51,547    35%       …
2013
पारस जैन          बीजेपी          विजेता        72,815     59%    24,849
विवेक यादव       कांग्रेस           हारे           47,966      39%       ….
2008
पारस जैन          बीजेपी       विजेता       49,573     54%     21,912
बी एस जोशी      कांग्रेस        हारे           27,661    30%         ….
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14 बार के चुनाव में 9 दफा बने सिर्फ जैन विधायक

उज्जैन उत्तर से अब तक निर्वाचित विधायकों की जाति पर गौर किया जाए तो इस सीट से 9 बार जैन,2 बार ब्राह्मण व एक बार मुस्लिम जाति का विधायक चुना गया…उज्जैन नार्थ में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 50 हजार 923 है..इनमें करीब 65 हजार मुस्लिम एवं 20 से 25 हजार ब्राह्मण एवं इतने ही ओबीसी वर्ग OBC के मतदाता शामिल है..जैन मतदाताओं की संख्या करीब 15 हजार है लेकिन यहां चुनाव चेहरे से अधिक दलगत आधार पर होते रहे हैं..जो दल अधिक प्रभावी हुआ..प्रतिनिधि उसका ही चुना गया..

उज्जैन नार्थ के जातिगत समीकरण
कुल मतदाता                  2,50,923
मुस्लिम                           65 हजार
ब्राह्मण                         20 से 25 हजार
माली                           20 से 25 हजार
बोहरा                          13 हजार
बलाई                          10 हजार
जैन                             15 हजार
वाल्मीकि                      5 से 6 हजार
प्रजापति                      7 से 8 हजार

ये हो सकते हैं चुनाव के मुद्दे
उज्जैन उत्तर विधानसभा में महाकाल मंदिर सहित अनेक धार्मिक स्थल हैं.. इस क्षेत्र की 14 कॉलोनी ऐसी हैं,जहां वर्ष 2016 सिंहस्थ के दौरान अस्थाई कचरा घर बनाए गए थे..लेकिन बाद में ये स्थायी हो गए..इनसे उठती दुर्गंध से रहवासी परेशान हैं..

ट्रेचिंग ग्राउंड स्थानांतरित नहीं किए जाने से मतदाताओं में विधायक को लेकर नाराजगी भी बताई जाती है..उज्जैन उत्तर में कई बड़ी कॉलोनी और औद्योगिक क्षेत्र भी आते हैं…औद्योगिक क्षेत्र में उखड़ी सड़कें व चोरी की बढ़ती वारदात चुनाव में मुद्दा बन सकती हैं..

इसी कृषि उपज मंडी भी उत्तर विधानसभा क्षेत्र में है..मंडी में सिर्फ एक ही तौल कांटा होने से किसानों को यहां कतार लगानी पड़ती है..इससे किसान भी परेशान और जाम लगने से स्थानीय रहवासी भी..।