Mandsaur Constituency : ‘लंकापति रावण की ससुराल’ में सेंध लगाने आतुर कांग्रेस

रवि अवस्थी,भोपाल। Mandsaur Constituency : मालवा क्षेत्र में मंदसौर सबसे ज्यादा अमीर किसानों के लिए पहचाना जाता है…अफीम उत्पादन के साथ ही यह लंकापति रावण की ससुराल व मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है…धर्म,अध्यात्म का केंद्र होने से यह आरएसएस का गढ़ भी रहा..यही वजह है कि यहां अब तक हुए 15 चुनाव में बीजेपी 8 बार चुनाव जीती…

जून 2017 में मंदसौर जिले में हुए किसान आंदोलन व इसमें सात लोगों की मौत के बाद कांग्रेस जिले में जीत को लेकर आश्वस्त रही..लेकिन जिले की अधिकांश सीट पर उसकी अपेक्षा के विपरीत आए परिणाम ने बता दिया कि मालवांचल का मंदसौर बीजेपी के प्रभाव वाला क्षेत्र है…बीजेपी के यशपाल सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस के नरेंद्र नाहटा Narendra Nahta को 18 हजार से अधिक मतों से शिकस्त दी..सिसोदिया की मंदसौर से यह लगातार तीसरी जीत रही..

वर्ष 2013 के चुनाव में भी उन्होंने कांग्रेस के महेन्द्र सिंह गुर्जर को 24 हजार 295 मतों से तो वर्ष 2008 में कांग्रेस के ही महेन्द्र सिंह गुर्जर को 1685 मतों से हराया था…इससे पहले वर्ष 2003 के चुनाव में बीजेपी के ओम प्रकाश पुरोहित Om Prakash Purohit ने कांग्रेस के नवकृष्ण पाटिल को 22 हजार 912 मतों से शिकस्त दी थी..

मंदसौर में कांग्रेस अंतिम बार वर्ष 1998 में जीती..तब पाटिल विधायक चुने गए थे..इससे 90 के दशक में हुए तीन चुनाव में दो बार बीजेपी के कैलाश चावला Kailash Chawla ने कांग्रेस प्रत्याशी को पराजित किया..इस तरह,मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए मंदसौर सीट पर अब तक हुए 14 चुनावों में बीजेपी आठ तो कांग्रेस छह बार चुनाव जीती…

……………………………..
मंदसौर सीट पर अब तक 14 बार हुए चुनाव
कांग्रेस का शुरुआत के चुनावों में रहा दबदबा
अब तक BJP ने 8, कांग्रेस ने जीते 6 चुनाव
वर्ष 1998 में मिली थी कांग्रेस को अंतिम जीत
…………………………………..

मंदसौर से अब तक चुने गए विधायक व उनके दल
वर्ष        विधायक                     दल
1957 श्याम सुंदर                  कांग्रेस
1962 श्याम सुंदर                 कांग्रेस
1967 टी.मोहन                    जनसंघ
1972 श्याम सुंदर                कांग्रेस
1977 सुंदरलाल पटवा         जेएनपी
1980 श्याम सुंदर               कांग्रेस
1985 श्याम सुंदर               कांग्रेस
1990 कैलाश चावला          बीजेपी
1993 कैलाश चावला          बीजेपी
1998 नवकृष्ण पाटिल        कांग्रेस
2003 ओपी पुरोहित           बीजेपी
2008
से यशपाल सिसोदिया        बीजेपी
2018
………………………………………….
कांग्रेस के दो ही व्यक्ति रहे विधायक
मंदसौर सीट को लेकर एक रोचक तथ्य यह भी इस विधानसभा से कांग्रेस आठ बार जीती लेकिन विधायक दो ही व्यक्ति बने..ये हैं श्याम सुंदर पाटीदार जो 1957, 1962, 1972, 1980 व 1985 में अर्थात 5 बार विधायक बने जबकि एक बार अर्थात 1998 में नवकृष्ण पाटिल इस दल से विधायक चुने गए..

हालांकि पाटीदार मप्र गठन से पूर्व 1951 में हुए चुनाव में भी तत्कालीन विधानसभा के लिए मंदसौर से विधायक चुने गए थे..इस तरह उनके नाम 6 बार विधायक रहने का रिकॉर्ड है..मंदसौर में अब तक हुए चुनाव में करीब सवा सौ निर्दलियों ने चुनाव लड़ा..

लेकिन मंदसौर के मतदाताओं ने हमेशा पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को ही अपना प्रतिनिधि चुना…समय.समय पर दोनों ही दलों में टिकट को लेकर अंतर्कलह व बगावत भी खूब हुई..कांग्रेस इससे अधिक प्रभावित रही..इसके चलते उसे वर्ष 1967, 1990, 2008 और 2013
में पराजय भी झेलनी पड़ी..

पाटीदार,सिसोदिया की बाहुल्यता
मंदसौर विधानसभा में कुल 2 लाख 54 हजार 501 मतदाता हैं। इसमें 1 लाख 29 हजार 326 पुरुष व 1 लाख 25 हजार 175 महिला मतदाता हैं.. यहां का जेंडर रेशो प्रति 1000 पुरुष पर 962 महिलाओं का है…मंदसौर में पाटीदार व सिसोदिया समाज के मतदाताओं की बाहुल्यता है..दोनों ही प्रमुख दल इन्हीं जातिगत समीकरणों के आधार पर अपने प्रत्याशियों का चयन करती रही है..
——————————————————–

कुल मतदाता 2,54,501
पुरुष 1,29,326
महिला 1,25,175
फीमेल सेक्स रेशों 962/1000

—————————————————-