Manasa Assembly: मनासा विस में विद्यमान दो राज्यों की संस्कृति की झलक

रवि अवस्थी,भोपाल। Manasa Assembly: मनासा,नीमच जिले का एक ऐसा नाम जिसने प्रदेश के ​दिग्गज नेता सुंदरलाल पटवा,बालकवि बैरागी,नरेंद्र नाहटा,कैलाश चावला जैसे जनप्रतिनिधि दिए..बराबर न्याय यहां के मतदाताओं की खासियत है..राजस्थान सीमा से सटे मनासा में अब तक हुए 15 चुनाव हुए..इनमें 8बार कांग्रेस तो 7 बार बीजेपी व इसके पूर्ववर्ती संगठनों ने अपना परचम फहराया..आइए देखते हैं एक रिपोर्ट

मनासा के कुकड़ेश्वर की प्रदेश में रही है चर्चा
नीमच Neemuch देश,दुनिया में अफीम उत्पादन के लिए जाना जाता है..लेकिन यहां के संतरों की मांग भी देशभर में होती है..राजस्थान की सीमा से सटे इस जिले में दो राज्यों की संस्कृति की झलक देखी जा सकती है..लेकिन जिले की सियासत राजस्थान की छाया से दूर है..जिले की मनासा विधानसभा भी अन्य दो सीटों की तरह शुरुआत से ही बीजेपी का गढ़ रही है..कांग्रेस ने समय -समय पर इसमें सेंध लगाई..लेकिन स्थायित्व उसे भी हासिल नहीं हुआ.. पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा का गृहनगर कुकड़ेश्वर इसी सीट का हिस्सा है..यह एक ऐसा नाम जिसका मध्य प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रहा..मनासा की बात करें तो इसने कई दिग्गज नेता मध्य प्रदेश को दिए..जिन्होंने मध्य प्रदेश ही नहीं देश के राजनीतिक क्षितिज पर अपनी चमक बिखेरी..इनमें बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा,कवि व कांग्रेस नेता रहे बालकवि बैरागी जैसे नाम प्रमुख हैं.. यह दोनों राजनेता अब इस दुनिया में नहीं हैं..लेकिन कभी प्रदेश के कद्दावर नेता की भूमिका में रहे पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा व कैलाश चावला अब भी मनासा की सियासत में अहम स्थान रखते हैं..
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एमपी की सियासत में रही अहम भूमिका
अफीम,संतरा हैं यहां की प्रमुख पहचान
मनासा विस ने दिए अनेक दिग्गज नेता
कुकड़ेश्वर भी है मनासा विस का हिस्सा
Ex CM पटवा का गृह नगर है कुकड़ेश्वर
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पिछले 15 चुनाव में 8बार कांग्रेस तो 7 बार जीती बीजेपी
मनासा विधानसभा का चुनावी सफर भी मध्य प्रदेश के इतिहास जितना ही पुराना है..इस सीट के लिए अब तक 15 चुनाव हुए..इनमें 8 बार कांग्रेस तो 7 बार जनसंघ,जनता पार्टी व बीजेपी का कब्जा रहा..इस सीट पर पिछले 10 सालों से बीजेपी का कब्जा है..यहां मुकाबला आमतौर पर बीजेपी कांग्रेस के बीच ही रहा है..पिछले यानी 2018 के चुनाव की ही बात करें तो इस चुनाव में बीजेपी के अनिरुद्ध माधव मारू और कांग्रेस के उमराव सिंह गुर्जर के बीच मुकाबला रहा..बीजेपी के प्रत्याशी मारू ने 87,004 वोट पाकर ये मुकाबला जीता वहीं कांग्रेस के उमराव गुर्जर को महज 61,050 वोट मिले…वर्ष 2013 के चुनाव में भी बीजेपी के उम्मीदवार कैलाश चावला ने 41.8 वोट पाकर कांग्रेस के विजेंद्र सिंह मालाहेड़ा को 14 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था..तब कांग्रेस को चावला के मुकाबले महज 31.3% वोट ही मिले..जबकि वर्ष 2008 के चुनाव में नतीजे इसके उलट रहे..तब कांग्रेस उम्मीदवार मालाहेड़ा ने बीजेपी के अनिरुद्ध मारू को 5 हजार 435 मतों से शिकस्त दी थी..मालाहेड़ा को 38,632 तो मारू को 33हजार 197 मत ही हासिल हुए थे..
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वर्ष विधायक दल
1951 राम लाल कांग्रेस
1957 सुंदरलाल पटवा जनसंघ
1962 सुंदरलाल पटवा जनसंघ
1967 बालकवि बैरागी कांग्रेस
1972 सूरज भाई तुगनावत कांग्रेस
1977 रामचंद्र बसर जनता पार्टी
1980 बाल कवि बैरागी कांग्रेस
1985 नरेंद्र नाहटा कांग्रेस
1990 राधे श्याम बीजेपी
1993 नरेंद्र नाहटा कांग्रेस
1998 नरेंद्र नाहटा कांग्रेस
2003 कैलाश चावला बीजेपी
2008 विजेंद्र सिंह मालाहेड़ा कांग्रेस
2013 कैलाश चावला बीजेपी
2018 अनिरुद्ध मारू बीजेपी
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मुद्दों की कमी नहीं
मनासा विधानसभा सीट पर मुद्दों की कोई कमी नहीं है… बिजली, पानी समेत कई ऐसे मुद्दें है, जिससे आम नागरिकों को दो-चार होना पड़ता है.. यहां की आबादी करीब तीन लाख हैं..इनमें करीब दो लाख मतदाता हैं..इनमें ज्यादातर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है..
कुल मतदाता 1,59 हजार 05
पुरुष 99 हजार 704
महिला 95 हजार 319