देश की अगली खेल रत्न बनी सानिया मिर्जा को गहरा झटका लगा है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें खेल रत्न दिए जाने पर अंतरिम रोक लगा दी है।
हाई कोर्ट में यह याचिका पैरालंपिक एच एन गिरीश ने सानिया को राजीव गांधी खेल रत्न दिए जाने के खिलाफ दाखिल किया था। कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी किया है।
लंदन ओलंपिक 2012 में रजत पदक जीतने वाले गिरीश ने अपनी याचिका में दावा किया कि वह देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार के लिए योग्यता रखते हैं। खेल मंत्रालय ने पुरस्कार चयन के लिए प्रदर्शन के आधार प्वांइट सिस्टम बनाया था और इस सिस्टम के आधार पर उनका प्वाइंट 90 बनता है लेकिन सानिया इस नंबर के आसपास भी नहीं हैं।
कर्नाटक के रहने वाले गिरीश ने एक राष्ट्रीय दैनिक से कहा, "मैं समझता हूं कि सानिया ने ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं लेकिन मंत्रालय के नोटिफिकेशन के आधार पर 2011 के बाद से केवल ओलंपिक, पैरालंपिक, एशियाड, कॉमनवेल्थ गेम्स और वलर्ड चैंपियनशिप में प्रदर्शन के आधार पर ही पुरस्कार का चयन किया जाएगा।"
यूएस ओपन के बीच भारत आने वाली थी सानिया
इससे पहले यह खबर आई थी कि दुनिया की शीर्ष नंबर की महिला युगल खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने नेशनल स्पोर्ट्स डे के मौके पर राष्ट्रपति भवन में होने वाले राष्ट्रीय खेल पुरस्कार वितरण समारोह के आयोजन में शामिल होने का फैसला ले लिया था।
साल के अंतिम ग्रैंड स्लैम यूएस ओपन में व्यस्त रहने के बावजूद इस टेनिस स्टार ने राष्ट्रपति के हाथों देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न लेने के लिए हामी भर दी थी। उनकी हामी के सानिया की मंजूरी के बाद खेल मंत्रालय की दुविधा दूर हो गई थी।
सानिया 29 अगस्त को सीधे यूएस ओपन से दिल्ली आएंगी और अवॉर्ड लेकर उसी रात वापस न्यूयार्क के लिए रवाना हो जाएंगे। उनकी इस विशेष यात्रा का खर्च मंत्रालय वहन करेगा।
सूत्र बताते हैं कि पहले सानिया के परिवार की ओर से यह कहा गया कि 31 अगस्त से यूएस ओपन शुरू हो रहा है, जहां सानिया मिक्स और महिला डबल्स दोनों में किस्मत आजमाएंगी। 29 को समारोह में शामिल होकर 31 को यूएस ओपन में उनके लिए खेलना संभव नहीं होगा।
हालांकि मंत्रालय को यह भी बताया गया कि सानिया इस अवॉर्ड को राष्ट्रपति के हाथों लेने का मौका नहीं खोना चाहती हैं। इसके बाद ही मंत्रालय ने नए सिरे से बातचीत शुरू की।
द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामों को मंजूरी
कुश्ती कोच अनूप सिंह और पैरालंपिक कोच नवल सिंह समेत पांच अधिकारियों के नामों को खेल मंत्रालय ने इस साल के प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कारों के लिए मंजूरी दे दी।
समिति के सुझावों के बाद अनूप और नवल के नामों को मंजूरी मौजूदा प्रदर्शन (2011 से 2014) के आधार पर दी गई जबकि निहार अमीन (तैराकी), एसआर सिंह (मुक्केबाजी) और हरबंस सिंह (एथलेटिक्स) को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ के लिए चुना गया। इसके लिए 20 साल के प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाता है।
रोमियो जेम्स (हॉकी), शिव प्रकाश मिश्रा (टेनिस) और टीपीपी नायर (वालीबॉल) का चयन ध्यानचंद पुरस्कार के लिए किया गया है। राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए सैन्य प्रशिक्षण महानिदेशक को ‘युवा प्रतिभाओं की पहचान और पोषण’, कोल इंडिया लिमिटेड को ‘कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी ’ और हैदराबाद के खेल प्रशिक्षण फाउंडेशन को ‘विकास के लिए खेल ’श्रेणी में चुना गया।
